Saturday, December 12, 2020

अब महिलाओं के लिए भी वियाग्रा

अब महिलाएं भी अपने लिए सेक्‍स पावर बढ़ाने वाली दवा वियाग्रा खरीद पाएंगी. इस दवा का नाम लायब्रिडो है और यह महिलाओं में सेक्‍स के प्रति इच्‍छाशक्ति बढ़ाने में मदद करेगी. अब तक यह दवा पुरुषों के लिए ही उपलब्‍ध थी. इस दवा को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि यह शारिरिक इच्छा के साथ-साथ मानसिक रूप से भी महिलाओं को सेक्स के लिए प्रेरित करेगी. दवा के परीक्षण से वैज्ञानित काफी उत्‍साहित हैं और इसके तीन साल यानी 2016 तक बाजार में आ जाने की उम्‍मीद है. हर साल करीब 1.5 अरब पौंड वियाग्रा की बिक्री होती है, जिसका सेवन पुरुष करते हैं. वैज्ञानिकों ने महिलाओं के लिए भी कई बार यह दवा बनानी चाही, लेकिन वे नाकाम रहे. पिछले कई सारे प्रयोग असफल हो चुके हैं. दरअसल, सेक्‍स के लिए महिलाओं को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी सहमत होना जरूरी होता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस दवा का सेवन करने के बाद महिलाएं शारीरिक इच्छा के साथ-साथ मानसिक रूप से भी सेक्स के लिए प्रेरित होंगी. कहा जा रहा है कि सेक्‍स करने से तीन या साढ़े तीन घंटे पहले इस दवा को लेना होगा. एस्प्रिन से भी छोटी वियाग्रा जैसी इस दवा के चारों ओर मिंट की कोटिंग की गई है. इस कोटिंग के पिघलते ही टैबलेट शरीर के भीतर चली जाती है. गौरतलब है कि वियाग्रा खाने से पुरुषों के शरीर में उत्‍तेजना होती है, जबकि महिलाओं की यह नई दवा शरीर के साथ मस्तिष्‍क की उन कोशिकाओं को भी जगाएगी, जो सेक्‍स की इच्‍छा को बढ़ाती हैं. इस दवा को लेने के बाद मस्तिष्क में उन केमिकल्स का बनना और अधिक तेजी से शुरू हो जाता है जो किसी की ओर आर्कषित होने मदद करता है.

Friday, December 11, 2020

पहली बार सेक्स में न करें ये गलतियां

इन बातों का ध्यान जरूर रखें, भले सेक्स पहली बार हो या...
दोस्तों की नहीं दिल-दिमाग की सुनें अगर आप की शादी नहीं हुई है और आप गर्लफ्रेंड या किसी लड़की के साथ पहली बार सेक्सुअल रिलेशनशिप में जाने की सोच कर रहे हैं तो यह तय कर लीजिए कि इसके पीछे आपकी इच्छाएं क्या हैं। ऐसा तो नहीं कि सिर्फ दोस्तों के कहने पर या उनपर इंप्रेशन जमाने के लिए आप यह कर रहे हैं। ऐसे में न तो आपकी रिलेशनशिप लंबी चलेगी और न ही आपको ऐसे संबंध कोई खास खुशी मिलेगी। हो सकता है बाद में आप इसे रिग्रेट भी करें। फैसला लेते वक्त अपने दिलोदिमाग की सुनें। सुरक्षा का ध्यान रखें सेक्स पहली बार हो या कई बार, असुरक्षित संबंध बनाना कभी अच्छा नहीं होता। अगर आप पत्नी के साथ भी सेक्स कर रहे हैं और परिवार बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे तो सुरक्षा जरूर रखें। कैजुअल रिलेशनशिप में तो सेफ्टी रखना सबसे जरूरी है। इससे आप प्रेग्नेंसी से लेकर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारियों जैसी समस्याओं से बचे रहेंगे। तैयार रहें पहली बार सेक्स किसी के लिए भी बड़ी बात है। ऐसे में इसके लिए तैयारी भी करनी चाहिए। आपको सेक्स से जुड़ी बातों, समस्याओं, प्रक्रियाओं और अपॉजिट सेक्स के अंगों और जरूरतों के बारे में पढ़ना चाहिए। हां, जानकारी जुटाते वक्त किसी भरोसेमंद स्रोत का इस्तेमाल करें क्योंकि कई भटकाने वाली जानकारियां भी मिलती हैं। हीरो या पोर्न स्टार न बनें हर किसी की इच्छा होती है कि आप सामने वाले को अपने सेक्सी मूव्स से दीवाना बना दें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी हीरो या पोर्न स्टार की तरह करने लगें। पहली बार बेसिक्स पर ध्यान दें। ऐसा न हो कि आप जरूरत से ज्यादा कोशिश करें और आपका पार्टनर इससे घबरा जाए। बहुत उम्मीद न रखें आपने सेक्स के बारे में बहुत कुछ सुन रखा होगा। ये बातें सही भी हैं लेकिन यह जरूरी नहीं कि पहली बार सेक्स वैसा ही जैसा आपने कहानियों में पढ़ा, फिल्मों में देखा या किसी से मुंह सुना हो। मन में अति उम्मीदें न रखें, जो भी हो उसे इंजॉय करें। ये भी हो सकता है आपको दर्द का अनुभव हो। घबराएं नहीं। अगली बार चीजें बेहतर होंगी। अपने शरीर के बारे में कंफर्टेबल रहें पहली बार सेक्स करते वक्त मन में यह डर अक्सर रहता है कि आपका शरीर आपके साथी को पसंद नहीं आएगा। इसके बारे में ज्यादा सोचने से आप सेक्स को इंडॉय नहीं कर पाएंगे। हम सब में कमियां होती हैं। अगर आप खुद की बॉडी से प्यार करते हैंतो सामने वाला भी करेगा। आत्मविश्वास बनाएं रखें।

अविश्वसनीय है मंदिर का रहस्य , 400 साल पुराने मंदिर में आज भी भगवान करते है बाते !!!

भले ही हम वैज्ञानिक युग में जी रहे है परन्तु आज भी ऐसे कई रहस्य छुपे है जिन्हे विज्ञान भी सुलझा नहीं पाया। कई ऐसी चमत्कारी घटनाए होती है जो इंसान के समझ से बहार है। ऐसे में किसी के लिए यह रहस्य की बात है तो किसी के लिए भगवान की लीला। हम यहाँ आपको ऐसे धार्मिक स्थल के बारे में बता रहे है जिससे जुड़ा रहस्य अविश्वसनीय है और इस रहस्य को समझने में विज्ञान भी पीछे रह गया है। यहाँ होने वाली इस अद्भुत घटना के कई साक्षी है परन्तु जो वो सुन सकते है उसे समझाना और प्रामिनित कर पाना शायद उनके वश की बात नहीं है।
जी हां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर बिहार में स्तिथ है। इस मंदिर में जो मूर्तियों से बोलने की आवाज़ आती है। ऐसा लगता है की वो आपस में बाते कर रही हो। जब लोग आधी रात में उधर से गुज़रते है तब उन्हें आवाज़े सुनाई देती है। लोगो ने पहले इसे वहम माना था लेकिन जब वैज्ञानिको द्वारा रिसर्च हुई तो उन्हें भी इस घटना का विश्वास करना पड़ा। वैज्ञानिको के अनुसार इस मंदिर के परिसर में शब्द गूंजते रहते है। वैज्ञानिको की एक टीम ने रिसर्च करने के बाद कहा की आवाज़ किसी व्यक्ति की नहीं है। उनका यह मानना है की यहाँ कुछ तो अजीब घटना है जिसके कारण यह आवाज़े सुनाई देती है।
उनका ऐसा मानना है की मंदिर की बनावट के कारण यहाँ शब्द गूंजते रहते है। यह उनका अनुमान है की जो लोग दिन में बाते करते है वो शब्द वह रात में गूंजते है। लोगो का यह मान्यता है की तांत्रिकम शक्तियों के कारण यहाँ की देवियाँ जाग्रत है। यह मंदिर करीबन 400 साल पुराना है। इस मंदिर की स्थापना एक तांत्रिक भवानी मिश्र ने की थी और उनके ही वंशज आज भी इस मंदिर के पुजारी बनते आए है। मंदिर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है की यहाँ साधको की हर मनोकामना पूरी होती है।

एक दिन में दो बार गायब हो जाता है यह मंदिर

गुजरात में वडोदरा से 85 km दूर जंबूसर तहसील के कावी-कंबोई गांव का यह मंदिर स्तंभेश्वर नाम से प्रसिद्द है यह मंदिर दिन में दो बार सुबह और शाम को पल भर के लिए ओझल हो जाता है और कुछ देर बाद उसी जगह पर वापस भी आ जाता है। ऐसा ज्वारभाटा उठने के कारण होता है। इसके चलते आप मंदिर के शिवलिंग के दर्शन तभी कर सकते हैं, जब समुद्र में ज्वार कम हो। ज्वार के समय शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है और मंदिर तक कोई नहीं पहुंच सकता। यह प्रक्रिया सदियों से चली आ रही है।मंदिर अरब सागर के बीच कैम्बे तट पर स्थित है। इस तीर्थ का उल्लेख ‘श्री महाशिवपुराण’ में भी मिलता है।
इस तीर्थ की प्रचिलित कथा कुछ इस प्रकार है की राक्षक ताड़कासुर ने अपनी कठोर तपस्या से शिव को प्रसन्न कर लिया था। जब शिव उसके सामने प्रकट हुए तो उसने वरदान मांगा कि उसे सिर्फ शिव जी का पुत्र ही मार सकेगा और वह भी छह दिन की आयु का। शिव ने उसे यह वरदान दे दिया था। वरदान मिलते ही ताड़कासुर ने हाहाकार मचाना शुरू कर दिया। देवताओं और ऋषि-मुनियों को आतंकित कर दिया। अंतत: देवता महादेव की शरण में पहुंचे। शिव-शक्ति से श्वेत पर्वत के कुंड में उत्पन्न हुए शिव पुत्र कार्तिकेय के 6 मस्तिष्क, चार आंख, बारह हाथ थे। कार्तिकेय ने ही मात्र 6 दिन की आयु में ताड़कासुर का वध किया। जब कार्तिकेय को पता चला कि ताड़कासुर भगवान शंकर का भक्त था, तो वे काफी व्यथित हुए। फिर भगवान विष्णु ने कार्तिकेय से कहा कि वे वधस्थल पर शिवालय बनवा दें। इससे उनका मन शांत होगा। भगवान कार्तिकेय ने ऐसा ही किया। फिर सभी देवताओं ने मिलकर महिसागर संगम तीर्थ पर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की, जिसे आज स्तंभेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाता है।

Tuesday, December 1, 2020

लड़कों का चरम आनंद या आर्गैज़्म

जब लड़के वास्तव में उत्तेजित हो जाते हैं तो उन्हें आर्गैज़्म महसूस हो सकता है- अर्थात् उनका वीर्यपात हो जाता है। जब आप यौन उत्तेजना महसूस करते हैं तो आपका लिंग कड़ा और सीधा हो जाता है। जब आपको चरम आनंद महसूस होता है तो आपकी मांसपेशियां संकुचित होती हैं और वीर्यपात होता है - वीर्य, पीले-सफेद रंग का एक तरल होता है जो लिंग से बाहर निकलता है। लड़के जब हस्तमैथुन करना शुरू करते हैं तो अपने-आप आर्गैज़्म महसूस कर लेते हैं। सेक्स के दौरान जब किसी लड़के का वीर्यपात हेाता है तो वह आगे-पीछे हिलना बंद कर देते हैं। इस समय अक्सर हिलना बहुत संवेदनशील होता है। चरम आनंद महसूस करने के बाद लिंग-मुंड अधिक संवेदनशील होता है। यदि आप इसे छूएं, तो बहुत असहज महसूस हो सकता है। जबकि लड़कियां अपना चरम आनंद महसूस करने के बाद भी कुछ देर तक आगे-पीछे किया जाना अक्सर पसंद करती हैं। संवेदनशील स्थान वास्तव में आपका पूरा शरीर आपको आनंद दे सकता है। लेकिन कुछ स्थानों पर जब छूआ जाता है तो आपको अधिक आनंद आता है।लड़कों में ये स्थान उनका लिंग, अंडकोष और खासकर लिंग-मुंड होते हैं। किंतु आपकी गर्दन, बाहें, छाती और नितंब भी संवेदनशील होते हैं। लड़कों के लिंग में अचानक भी तनाव आ सकता है। यह कोई शर्म की बात नहीं है। और यह इस बात का भी संकेत नहीं है कि तुरंत सेक्स करने का समय आ गया है हुत जल्दी? संभेाग करने के दौरान कभी-कभार कुछ लड़के बहुत जल्दी आर्गैज़्म महसूस कर सकते हैं। यह खीझ भरा हो सकता है, ऐसा होने पर लड़की हतोत्साहित और असंतुष्ट महसूस करती हैं और आप दोनों को लगता है कि यह सब बहुत जल्दी खत्म हो गया। चरम आनंद में देर करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं: ऽ सेक्स के दौरान बीच-बीच में थोड़ा रुक जाएं ऽ अपना ध्यान सेक्स से हटाकर शरीर के दूसरे अंगों पर ले जाएं ऽ सेक्स के अलावा किसी दूसरी चीज़ के बारे में सोचें ऽ कुछ देर बाद अपना लिंग योनि से बाहर निकाल लें ऽ अपने लिंग के निचले हिस्से को उंगलियों से ज़ोर से दबाएं सरी बार चरम आनंद महसूस करना? लड़के एक बार आर्गैज़्म महसूस करने के बाद तुरंत दुबारा ऐसा नहीं कर सकते हैं लेकिन लड़कियां ऐसा कर सकती हैं - चरम आनंद महसूस करने के 10-15 सेकेंड बाद लड़की की टिठनी फिर से सामान्य स्थिति में आ जाती है साथ-साथ चलना क्या आपको लगता है कि आप अपनी महिला साथी से पहले चरम आनंद महसूस कर लेते है? यह पूरी तरह सामान्य बात है। अधिकांश लड़के, लड़कियों की तुलना में जल्दी चरम आनंद महसूस कर लेते हैं। एक-दूसरे के साथ-साथ चलने के लिए नीचे कुछ युक्तियां सुझाई गई हैं: ऽ सेक्स करने में जल्दबाज़ी न करें, और अपने साथी से पूछें कि उन्हें क्या पसंद है। ऽ उन्हें सहज होने का अवसर दें तो आप देखेंगे कि उन्हें आपका छूना अच्छा लगने लगेगा भले ही वो न भी सहला रहीं हों। उन्हें जताएं कि आपके द्वारा उन्हें सहलाए जाने पर उत्तेजित होता देखकर आप को भी यौन उत्तेजना महसूस होती है।

सेक्स करने के लिए कौन से दिन सुरक्षित होते हैं?

कोई महिला कब गर्भवती हो सकती है? आप कहेंगे तब जब वो उसका अंडोत्सर्ग (ओव्युलेट) होता है। और यह असल में है क्या? अगर आप इन चीज़ों के बारे में नहीं जानते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। लव मैटर्स आपको ओव्यूलेशन के बारे में सब कुछ विस्तार से बताने जा रहा है जिससे आपको इन सवालों का जवाब जानने में मदद मिलेगी। ओव्यूलेशन क्या है? ओव्यूलेशन महिला के मासिक धर्म चक्र का एक भाग है, जब उसका शरीर ओव्यूलेट करता है मतलब इस दौरान अंडाशय से एक या कभी-कभी एक से अधिक अंडे निकलते हैं और ये अंडे फैलोपियन ट्यूब्स में जाने को तैयार रहते हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। जन्म से ही स्त्रियों के शरीर में 10 से 20 लाख अंडे होते हैं। जब वे यौवनावस्था में पहुंचती हैं जो कि आमतौर पर 10 से 15 साल के बीच आती है तब उन्हें माहवारी शुरू हो जाती है और यह प्रक्रिया मोनोपॉज आने तक चलती रहती है। मोनोपॉज 40-50 की उम्र के बीच आता है। मासिक धर्म चक्र का पहला दिन, माहवारी का पहला दिन होता है और मासिक धर्म चक्र का आखिरी दिन अगला पीरियड शुरू होने से एक दिन पहले का दिन होता है। मासिक धर्म चक्र की अवधि आमतौर पर 28 दिनों की होती है (लेकिन ये चक्र नियमित होते हैं पर उनकी अवधि कम या ज़्यादा जैसे 21 दिन या 40 होती, वे भी सामान्य ही होते हैं। इसी मासिक धर्म चक्र की अवधि के बीच ओव्यूलेशन की प्रक्रिया होती है।
ओव्यूलेशन का कारण आमतौर पर यह शरीर के हार्मोन्स के कारण होता है। जब शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है तब दो में से एक ओवरी उस महीने के अंडे बनाती है और फिर उसे बाहर निकाल देती है। फिर ये अंडे माहवारी के स्राव के साथ निकल जाते हैं या फिर निषेचित हो जाते हैं जिसके कारण प्रेगनेंसी होती है। ओवरीज आमतौर पर बारी-बारी से अंडे निकालती हैं। उनका काम बराबर-बराबर बंटा होता है। अंडे का निकलना या ओव्यूलेशन हर महीने होता है । हर मासिक धर्म चक्र में पीरियड के 10 या 20 दिन पहले यह होता है और यह मेंस्ट्रुअल साइकल के ठीक बीच का समय होता है। कभी-कभी ओवरीज दो या दो से भी ज्यादा अंडे बाहर निकालती हैं। (अगर दोनों निषेचित हो गए तो जुड़वा बच्चे होते हैं या कभी कभी ट्रिप्लेट भी होते हैं जो इस पर निर्भर करता है कि कितने अंडे निषेचित हुए हैं।)
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1 हफ्ते में चाहिए गोरा रंग, तो पढ़ें 5 टिप्स

गोरा रंग किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन कई बार वातावरण, धूप, प्रदूषण, देखभाल न मिल पाने के कारण आपका रंग गहरा होता जाता है और खूबसूरत त्वचा इस परत के नीचे छुप जाती है। लेकिन इसका भी रास्ता है, सप्ताह भर में पाया जा सकता है गोरा रंग...जानें कैसे 1 नींबू - नींबू आपके रंग को हल्का करने और गहराई तक सफाई करने में बेहद मददगार है। यह आपकी त्वचा के दाग-धब्बों को भी हटाकर बेदाग बना सकता है। नींबू के रस को बेसन या फिर खीरे के रस के साथ मिलाकर लगाएं और कुछ ही दिनों में फर्क देखें। 2 हल्दी - हल्दी का प्रयोग सदियों से रूप निखारने के प्राकृतिक तरीके के रूप में किया जाता है। इसे कच्चे दूध में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कुछ ही दिनों में आपका रंग निखर आएगा।

Winter Skin Care Tips: इन आसान टिप्स से सर्दियों में पाएं दमकती त्वचा

सर्दियों में स्किन का ख्याल रखना बहुत मुश्किल काम होता है क्योंकि इस मौसम त्वचा बहुत रूखी हो जाती है. कुछ घरेलू तरीकों से ठंड में भी अच्छी स्किन पाई जा सकती है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
र्दियों के मौसम में त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है. गर्म पानी से नहाने, हीटर और ब्लोअर के ज्यादा इस्तेमाल से भी स्किन खराब होने लगती है. ठंड के मौसम में स्किन का खास ख्याल रखना पड़ता है. कुछ खास टिप्स अपनाकर इस मौसम में भी बेदाग और चमकती त्वचा पा सकते हैं. स्किन को मॉइस्चराइज रखें- सर्दियों में चमकती त्वचा पाने के लिए इसे मॉइस्चराइज रखना बहुत जरूरी है. इससे स्किन की प्राकृतिक नमी बनी रहती है. इसके लिए आप नारियल तेल, कैस्टर ऑयल, ऑलिव ऑयल, छाछ और खीरे को नेचुरल मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. खूब पानी पिएं- आमतौर पर लोग सर्दियों में कम पानी पीते हैं. पानी की कमी की वजह से भी स्किन रूखी हो जाती है. इसलिए ठंड के मौसम में भी शरीर में पानी की कमी ना होने दें. पानी की मात्रा बढ़ाने के लिए आप गुनगुना पानी पी सकते हैं. चेहरे को गुनगुने पानी से धोएं- सर्दियों में गर्म पानी से नहाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है लेकिन ये स्किन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. चेहरे को गर्म या ठंडे पानी की बजाय गुनगुने पानी से धोएं. सोने से पहले मालिश- अगर आप हेल्दी स्किन चाहते हैं तो सोने से पहले किसी अच्छे मॉइस्चराइज से स्किन की मालिश करें. इससे आपकी त्वचा कोमल होगी और निखार बढ़ेगा.

आदित्य नारायण की शादी: ढोल पर नाचे सिंगर, हुआ जोरदार स्वागत

सिंगर और टीवी होस्ट आदित्य नारायण की आज यानी 1 दिसंबर को शादी हो रही है. लंबे समय से साथ रही अपनी गर्लफ्रेंड श्वेता अग्रवाल के साथ वे सात फेरे लेने जा रहे हैं. कुछ दिन से शादी के फंक्शन जारी हैं, एक के बाद एक फंक्शन हो रहे हैं, इस बीच आदित्य ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वे नाचते हुए देखे जा सकते हैं. बता दें कि शनिवार को आदित्य के तिलक की सेरेमनी हुई थी, जिसके बाद संडे को मेहंदी और मंडे को हल्दी थी. 1 दिसंबर यानी आज मंगलवार को दोनों फेरे लेंगे.ये वीडियो हल्दी या संगीत समारोह का है. इसमें आदित्य भी डांस करते हुए दिख रहे हैं. एक्टर मेघना कौशिक ने अपने इंस्टा स्टोरी में आदित्य के कुछ वीडियोज शेयर किए हैं जिसमें वे डांस कर रहे हैं. उन्होंने लिखा है- डीजे विद ढोल और इसी के साथ दूल्हे की एंट्री हुई. ये वीडियो संगीत समारोह का लग रहा है, इस वीडियो को आदित्य ने भी अपनी इंस्टा स्टोरी पर री-शेयर किया है तिलक के फोटोज आए थे सामने इससे पहले आदित्य और श्वेता की तिलक के फोटोज सोशल मीडिया पर सामने आए थे. इन फोटोज में आदित्य माथे पर तिलक लगाए हुए गले में माला डाले हुए देखे जा सकते हैं. बता दें कि कुछ महीने पहले श्वेता के साथ आदित्य ने रिश्ते का खुलासा करते हुए शादी करने का ऐलान किया था. दोनों पहली बार शापित नाम की एक फिल्म में साथ आए थे.

जापान में क्यों इतने ज्यादा लोग करते हैं सुसाइड? जानिए वजह.

जापान में लोग कोरोना से ज्यादा खुदकुशी की वजह से मर रहे हैं. हाल ही में ऐसी एक रिपोर्ट आई थी कि अक्टूबर महीने में जापान में 2153 लोगों ने खुदकुशी की, जबकि कोरोना की वजह से सालभर में 2087 लोगों की मौत हुई है. जबकि, जापान हैप्पी प्लैनेट इंडेक्स में 58वें स्थान पर है. लेकिन यहां पर बढ़ रही खुदकुशी की दर लोगों को चिंता में डाल रही है. आखिरकार जापान के लोग इतनी ज्यादा खुदकुशी क्यों करते हैं? जापान में पिछले साल 25 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान ली. यानी उन्होंने आत्महत्या की. यानी हर दिन करीब 70 लोग खुदकुशी कर रहे हैं. इसमें से ज्यादातर पुरुष हैं. किसी विकसित देश में खुदकुशी की यह दर सरकार और लोगों को परेशान करने वाली हो सकती है. हालांकि, विकसित देशों में सबसे ज्यादा खुदकुशी की दर दक्षिण कोरिया में है. फिर भी जापान में आत्महत्या की तरफ बढ़ना एक विडंबना है रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में जापान की बुलेट ट्रेन में एक 71 वर्षीय व्यक्ति ने खुद को आग लगा ली थी. उसने अपने कोच में बैठे बाकी यात्रियों से पहले दूर जाने को कहा फिर खुद को आग के हवाले कर दिया. चश्मदीद लोगों ने बताया कि ऐसा करने से पहले वह व्यक्ति दुखी था, उसकी आंखों में पानी भरा था. बात में जापान की मीडिया में खबरें आईं कि वह बुजुर्ग एल्यूमिनियम के केन जमा करके उनसे रोजी-रोटी कमाता था वेबसाइट के अनुसार उगते सूरज के देश में अपनी जान लेना एक बड़ा सामाजिक मुद्दा बना हुआ है. हाल ही में टेरेस हाउस नामक इंटरनेट शो की कास्ट मेंबर हना किमूरा ने अपनी जान ले ली. 22 वर्षीय हना पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन एब्यूज की शिकार हो रही थीं. इसके बाद शो को बंद कर दिया गया. हना एक प्रोफेशनल रेसलर भी थीं. इन्हें बहुत ज्यादा लोग पसंद करते थे लेकिन इंटरनेट पर हुई बुलीईंग के चलते खुदकुशी कर ली. खुदकुशी से पहले ट्विटर पर एक नोट भी लिखा था टोक्यो टेंपल यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजिस्ट वतारू निशिदा ने बताया कि जापान में लोग डिप्रेशन में जाते ही आइसोलेट हो जाते हैं. खुद को दुनिया से अलग कर लेते हैं. स्थिति बिगड़ने पर खुदकुशी कर लेते हैं. ऐसा करने वाले ज्यादातर बुजुर्ग लोग होते हैं. क्योंकि उन्हें अकेला छोड़ दिया जाता है. बच्चे उनका ख्याल नहीं रखना चाहते निशिदा कहते हैं कि जापान में सम्मानजनक तरीके से खुदकुशी करने की बेहद प्राचीन लेकिन एक अनाधिकारिक संस्कृति बनी हुई है. उन्होंने समुराई लड़ाकों द्वारा सेपुकू (Seppuku) प्रथा की ओर इशारा किया. इस प्रथा के अनुसार समुराई लड़ाके विभिन्न सांस्कृतिक कारणों की वजह से खुद की जान ले लेते हैं. कई बार तो समुराय तलवार से अपना पेट चीर देते हैं. इस प्रथा को हाराकिरी (Harakiri) भी कहते हैं